गर्भावस्‍था में फोलिक एसिड सेवन के ये हैं फायदे

गर्भावस्‍था में फोलिक एसिड सेवन के ये हैं फायदे

सेहतराग टीम

ऐसी महिलाएं जो गर्भावस्‍था के दौरान डॉक्‍टर द्वारा सुझाए गए डोज के हिसाब से फोलिक एसिड का सेवन करती है वो अपने होने वाले बच्‍चे को कीटनाशक जनित ऑटिज्‍म के खतरे तथा अन्‍य कई बीमारियों के प्रति सुरक्षित कर लेती है। एक हालिया अध्‍ययन में यह बात सामने आई है। दरअसल डीएनए के मिथायलेशन में फोलेट की महत्‍वपूर्ण भूमिका होती है। डीएनए का मिथायलेशन वह प्रक्रिया है जिसके जरिये शरीर के जीन सक्रिय या निष्‍क्र‍िय होते हैं। इसके साथ ही डीएनए की मरम्‍मत और संश्‍लेषण में भी फोलेट अहम भूमिका निभाता है। चूंकि एक विकसित होते भ्रूण में कोशिकाओं का टूटकर नया रूप लेना बेहद सक्रिय रूप से होता है इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि जीन से संबंधित इन प्रक्रियाओं में फोलिक एसिड बेहद मददगार हो सकता है।

क्‍या होता है फोलिक एसिड

फोलिक एसिड जिसे फोलेट के नाम से भी जाना जाता है दरअसल बी विटामिन होता है। कोशिका के उत्‍पन्‍न होने और उसके टूट कर नई कोशिका बनने की प्रक्रिया के अलावा शरीर में लाल रक्‍त कोशिकाओं के उत्‍पादन में भी बी विटामिन की खास भूमिका होती है।

कब लेने की सलाह देते हैं डॉक्‍टर

जब कोई महिला मां बनने की योजना बना रही होती है तब च‍िक‍ित्‍सक उसे रोजाना 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड सप्‍लीमेंट खाने की सलाह देते हैं और गर्भधारण के शुरुआती 12 हफ्ते में ऐसी महिलाओं जो कुछ खास समस्‍याओं मसलन न्‍यूरल ट्यूब में खराबी का सामना कर रही हो उन्‍हें फोलिक एसिड का ज्‍याद डोज दिया जाता है। अगर किसी महिला का खुद का न्‍यूरल ट्यूब खराब न हो मगर पारिवारिक इतिहास हो इस तरह का तो उसे भी ज्‍यादा डोज दिया जाता है।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर

इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष डॉक्‍टर के.के. अग्रवाल ने कहा कि फोलिक एसि‍ड गर्भावस्‍था से पहले और गर्भावस्‍था के दौरान गर्भवती महिला के लिए बेहद अहम होता है। ये न्‍यूरल ट्यूब जैसे बर्थ डिफेक्‍ट को रोकता है। इसी वजह से महिलाओं को हरी पत्‍तेदार सब्जियां नियमित रूप से खाने की सलाह दी जाती है क्‍योंकि इनमें फोलेट प्राकृतिक रूप से होता है। मगर ध्‍यान रहे कि प्राकृतिक रूप से मिलने वाले फोलेट से गर्भवती महिला की जरूरत पूरी नहीं होती इसलिए उसे फोलिक एसिड की गोली खाने को दी जाती है। नियमित रूप से फोलिक एसिड का सेवन करने से बच्‍चे के समयपूर्व जन्‍म की आशंका भी 50 से 70 फीसदी तक कम हो जाती है।

फोलिक एसिड की कमी से क्‍या समस्‍या

शरीर में अगर फोलिक एसिड की कमी हो तो बच्‍चे में एनिमिया और जन्‍मगत विकृति के अलावा अवसाद, याद्दाश्‍त और मष्तिष्‍क संबंधी अन्‍य समस्‍याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा एलर्जी से जुड़ी बीमारियों और लंबे समय तक कम बोन डेंसिटी की समस्‍या भी हो सकती है।

कमी के लक्षण क्‍या हैं

महिलाओं में फोलिक एसिड की कमी के लक्षणों के बारे में डॉक्‍टर अग्रवाल ने कहा कि यूं तो इसके लक्षण बहुत अधिक सामने नहीं आते मगर डायरिया, एनिमिया, भूख की कमी, वजन में कमी, कमजोरी, गले में सूजन, सिरदर्द, दिल की बढ़ी हुई धड़कन आदि से इसका पता चल सकता है। अगर किसी में फोलिक एसिड की हलकी कमी हो तो संभव है कि उसे कोई लक्षण पता न चले मगर फोलिक एसिड न लेने से हो सकता है कि बच्‍चे को पर्याप्‍त पोषण न मिल रहा हो।

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